नमस्ते दोस्तों! मैं वैष्णवी।
अब तक हमने थायराइड को कंट्रोल करने के लिए घरेलू नुस्खों और सही डाइट के बारे में विस्तार से बात की है। आज हम एक ऐसे शक्तिशाली तरीके के बारे में जानेंगे जो न सिर्फ हमारे शरीर, बल्कि हमारे मन को भी शांत करता है – और वो है योग।
जब मुझे थायराइड का पता चला, तो मेरे डॉक्टर ने दवा के साथ-साथ मुझे रोज़ योग करने की सलाह दी। शुरुआत में मुझे लगा कि इससे क्या ही फर्क पड़ेगा, लेकिन जब मैंने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल किया, तो मैंने महसूस किया कि मेरी एनर्जी लेवल, मूड और ओवरऑल हेल्थ में कमाल का सुधार हुआ है।
योग सिर्फ एक एक्सरसाइज नहीं है, ये एक पूरी साइंस है। कुछ खास योगासन हमारी थायराइड ग्रंथि पर सीधा असर डालते हैं, वहां ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं और हॉर्मोन्स को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। तो चलिए, आज मैं आपको वो 5 चमत्कारी योगासन सिखाती हूँ जो आपके थायराइड के सफर में आपके सबसे अच्छे दोस्त बन सकते हैं।
योग थायराइड में कैसे मदद करता है?
योग तीन मुख्य तरीकों से काम करता है:
- दबाव और खिंचाव: कुछ आसन गले के हिस्से में दबाव और खिंचाव पैदा करते हैं, जिससे थायराइड ग्रंथि उत्तेजित (stimulate) होती है और उसका फंक्शन बेहतर होता है।
- ब्लड सर्कुलेशन: योग करने से पूरे शरीर में, खासकर गले के हिस्से में, खून का दौरा बढ़ता है, जिससे ग्रंथि को ज़्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।
- तनाव में कमी: तनाव थायराइड का एक बहुत बड़ा दुश्मन है। प्राणायाम और ध्यान से स्ट्रेस हॉर्मोन (कॉर्टिसोल) का लेवल कम होता है, जिससे हॉर्मोनल बैलेंस सुधरता है।
थायराइड को कंट्रोल करने वाले 5 योगासन
इन आसनों को सुबह खाली पेट करना सबसे ज़्यादा फायदेमंद होता है।
1. सर्वांगासन (Shoulder Stand)

इसे “आसनों की रानी” भी कहा जाता है और ये थायराइड के लिए सबसे बेस्ट आसन माना जाता है।
- कैसे काम करता है? इस आसन में शरीर उल्टा होता है, जिससे खून का सारा बहाव गले और सिर की तरफ बढ़ जाता है। ये थायराइड ग्रंथि को “मसाज” करता है और उसे एक्टिवेट करता है।
- करने की विधि:
- पीठ के बल सीधा लेट जाएं, हाथ शरीर के बगल में रखें।
- धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को 90 डिग्री पर ऊपर उठाएं।
- अब अपने हाथों से अपनी कमर को सहारा देते हुए, अपने पूरे शरीर को कंधों के बल पर ऊपर उठाएं। आपकी ठुड्डी (chin) आपकी छाती से लगनी चाहिए।
- इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- धीरे-धीरे वापस अपनी पहली वाली स्थिति में आ जाएं।
- सावधानी: अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, गर्दन में दर्द या कोई दिल की बीमारी है, तो ये आसन किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
2. मत्स्यासन (Fish Pose)

ये सर्वांगासन का पूरक (counter-pose) आसन है और गले में एक अच्छा खिंचाव पैदा करता है।
- कैसे काम करता है? ये आसन गर्दन और गले के हिस्से को खोलता है, जिससे थायराइड ग्रंथि में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
- करने की विधि:
- पीठ के बल लेट जाएं और अपने हाथों को अपनी जांघों के नीचे दबा लें।
- सांस लेते हुए, अपनी छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की तरफ ले जाएं, ताकि आपके सिर का ऊपरी हिस्सा ज़मीन को छुए।
- शरीर का पूरा भार आपकी कोहनियों पर होना चाहिए, सिर पर नहीं।
- जितनी देर आराम से हो सके, इस स्थिति में रहें और गहरी सांस लें।
- धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
3. हलासन (Plough Pose)

- कैसे काम करता है? ये आसन भी सर्वांगासन की तरह ही थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और रीढ़ की हड्डी को भी अच्छा स्ट्रेच देता है।
- करने की विधि:
- पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने पैरों को 90 डिग्री पर ऊपर उठाएं।
- अब धीरे-धीरे अपने पैरों को अपने सिर के पीछे ज़मीन की तरफ ले जाने की कोशिश करें।
- अगर आपके पैर ज़मीन को छू जाएं, तो बहुत अच्छा है। अगर नहीं, तो जहाँ तक जाएं, वहीं रुकें।
- कुछ सेकंड्स के लिए रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस आ जाएं।
4. भुजंगासन (Cobra Pose)

- कैसे काम करता है? ये आसन भी गले और गर्दन के हिस्से में खिंचाव पैदा करता है, जो थायराइड के लिए फायदेमंद है।
- करने की विधि:
- पेट के बल लेट जाएं, पैर सीधे रखें।
- अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे ज़मीन पर रखें।
- सांस लेते हुए, धीरे-धीरे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से (सिर, छाती और पेट) को ऊपर उठाएं।
- जितना हो सके ऊपर देखें।
- कुछ सेकंड रुकें और फिर सांस छोड़ते हुए नीचे आ जाएं।
5. उज्जयी प्राणायाम (Ocean Breath)

ये एक आसन नहीं, बल्कि सांस लेने की एक तकनीक है जो थायराइड पर सीधा असर डालती है।
- कैसे काम करता है? इस प्राणायाम में गले से हल्की घरघराहट की आवाज़ निकलती है, जो थायराइड ग्रंथि को वाइब्रेट और एक्टिवेट करती है।
- करने की विधि:
- आराम से किसी भी ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं।
- मुंह बंद रखें और नाक से सांस लें।
- सांस लेते और छोड़ते समय, अपने गले को हल्का सा सिकोड़ें, जैसे आप कुछ फुसफुसा रहे हों। इससे एक हल्की सी “समुद्र की लहरों” जैसी आवाज़ पैदा होगी।
- इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक करें।
योग करने के लिए एक अच्छी और न फिसलने वाली योगा मैट बहुत ज़रूरी है, ताकि आप हर आसन को सुरक्षित तरीके से कर सकें। एक अच्छी क्वालिटी की योगा मैट आप अमेज़न पर यहाँ देख सकती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या सिर्फ योग करने से थायराइड ठीक हो सकता है?
Ans: नहीं, योग थायराइड के इलाज में एक बहुत ही शक्तिशाली सहायक (supportive) थेरेपी है, लेकिन ये डॉक्टर द्वारा दी गई दवा का विकल्प नहीं है। आपको अपनी दवा के साथ-साथ योग को अपनाना चाहिए।
Q2: मुझे योग कितनी देर करना चाहिए?
Ans: शुरुआत में आप रोज़ 15-20 मिनट से शुरू कर सकती हैं। धीरे-धीरे आप इसे 30-40 मिनट तक बढ़ा सकती हैं। निरंतरता (consistency) सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
Q3: अगर मेरा शरीर लचीला नहीं है, तो क्या मैं ये आसन कर सकती हूँ?
Ans: हाँ, बिल्कुल! योग लचीलेपन के बारे में नहीं, बल्कि कोशिश करने के बारे में है। आप हर आसन को उतना ही करें, जितना आपका शरीर आराम से करने दे। ज़बरदस्ती बिल्कुल न करें। धीरे-धीरे आपका शरीर खुद ही खुलने लगेगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मेरे निजी अनुभव, गहन रिसर्च और सामान्य जानकारी पर आधारित है। ये किसी भी तरह से प्रोफेशनल मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है। थायराइड एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, इसलिए किसी भी नए योगासन या एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले, कृपया अपने डॉक्टर और किसी सर्टिफाइड योग प्रशिक्षक से सलाह ज़रूर लें। इस पोस्ट में उपयोग की गई सभी तस्वीरें AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा केवल प्रतिनिधिक उद्देश्यों के लिए बनाई गई हैं। इस पोस्ट में कुछ एफिलिएट लिंक्स हो सकते हैं, जिनसे खरीदारी करने पर मुझे एक छोटा कमीशन मिलता है जो इस ब्लॉग को चलाने में मदद करता है।
योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपने थायराइड को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकती हैं।
– वैष्णवी 🌿